भोपाल। लंबे समय से नियमितीकरण की राह देख रहे हजारों स्थाई और दैनिक वेतन भोगी एवं संविदा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की उम्मीदों को कुचलते हुए
सरकार ने इन पदों पर आउट सोर्स भर्ती के आदेश जारी कर दिए हैं। चुनावी वर्ष में पद रिक्त होने के बाद भी इन कर्मचारियों को नियमितीकरण का लाभ नहीं मिल सकेगा। उक्त कर्मचारी चतुर्थ श्रेणी के पदों पर सीधी भर्ती का विरोध कर रहे थे लेकिन सरकार अब सीधी भर्ती की बजाए खाली पद आउट सोर्स से भरने जा रही है। चुनाव वर्ष में सरकार द्वारा दिए गए इस झटके का कर्मचारी संगठनों ने तीखा विरोध किया है। मध्य प्रदेश लघु वेतन कर्मचारी संघ के
प्रांताध्यक्ष महेंद्र शर्मा के मुताबिक जताया प्रदेश में 45 हजार स्थाई कर्मी सात हजार दैनिक एवं 15 हजार अंशकालीन कर्मचारी विभिन्न विभागों में वर्षों से कार्यरत हैं जिनको चतुर्थ श्रेणी के पदों पर नियमित करने की कार्यवाही की जानी चाहिए थी। उक्त कर्मचारी लंबे समय से नियमितीकरण का इंतजार कर रहे हैं।
उम्मीद थी कि चुनाव के ऐन पहले सरकार इस मामले में कोई सकारात्मक निर्णय लिया जाएगा लेकिन रेगुलर भर्ती की बजाए शोषण के आउट सोर्स और संविदा सिस्टम को बढावा दिया जा रहा है।
वहीं संघ के अजय कुमार दुबे ने बताया है कि जल्द ही केंद्रीय प्रबंध समिति प्रदेशव्यापी आंदोलन को लेकर बनाएगा रणनीति।
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